- सशस्त्र सीमा बल और नेपाल की आर्म्ड पुलिस फोर्स की नवंबर में हुई समन्वय बैठक में यह फैसला हुआ
- नेपाल अपनी जमीन से भारत के खिलाफ आतंकी साजिश करने वाले को पकड़ने में भी मदद करेगा
- भारत ने भी आतंक से लड़ाई के मुद्दे पर पड़ोसी देश को हर संभव सहयोग करने का वादा किया
- भारत-नेपाल के बीच 1751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा, वहां से आतंकियों ने कई वारदातों को अंजाम दिया
नई दिल्ली. भारत-नेपाल की सीमा सुरक्षा एजेंसियों के बीच गत 20-22 नवंबर को बैठक हुई थी। इसमें तय किया गया कि अब से सीमा पार से होने वाली आतंकी गतिविधियों से निपटने में नेपाल भी भारत का सहयोगी होगा। सोमवार को आई न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहली बार है जब नेपाल ने उसकी जमीन से किसी तीसरे देश के आतंकी गतिविधि चलाने को लेकर जांच करने के मामले में भारत का सहयोग करने की बात कही है।
दरअसल, हर साल दोनों देशों की सीमा की सुरक्षा करने वाली एजेंसियों के बीच हथियारों, ड्रग्स तस्करी, अन्य आपराधिक गतिविधियों और आतंकी वारदातों से जुड़े मुद्दों पर बैठक होती है।
भारत ने भी पड़ोसी देश का सहयोग करने का वादा किया
सूत्रों के मुताबिक, अब नेपाल भारत के खिलाफ किसी भी आतंकी साजिश में शामिल व्यक्ति को पकड़ने में मदद करेगा। इतना ही नहीं अगर किसी तीसरे देश का व्यक्ति उसकी धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी साजिश में करता है, तो उसे दबोचने में भी वह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की मदद करेगा। वहीं, भारत ने भी इस मुद्दे पर पड़ोसी देश को सहयोग करने का वादा किया है।
भारत-नेपाल के बीच 1751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है। कई मौकों पर पाकिस्तान के इशारे पर आतंकियों ने यहां बैठकर भारत के खिलाफ आतंकी वारदात को अंजाम दिया है। ऐसे कई आतंकियों को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ा है।